आरा जेल में माले समर्थक बंदियों की अनशन में जीत

भोजपुर जिले के मुख्यालय आरा स्थित जिला जेल में भाकपा(माले) के नेतृत्व में बंदियों ने अपनी लोकतांत्रिक और न्यायोचित मांगों को लेकर अनशन कर दिया. इस प्रतिरोध के दबाव में जेल प्रसाशन को झुकना पड़ा और मात्रा एक दिन बाद जेल सुपरिटेंडेंट ने आकर अनशनकारी बंदियों से वार्ता की और तमाम मांगों को पूरा करने का वादा किया.


आरा जेल में सुबह 9 बजे से चीना राम, सन्नी कुमार, रामनाथ राम, उत्तम चौधरी, राजेश्वर सिंह, उत्तम यादव, संजय पासवान, धनंजय कुमार सिंह, राजकुमार राम, अशोक रवानी सहित कुल 12 बंदी अनशन पर बैठे थे. उनके समर्थन में सैकड़ों बंदी शामिल थे. वार्ता में सभी मांगों को आज से ही लागू करने पर सहमति बनी, उसका सीधा असर दिखा कि वार्ड में पंखे आदि लगना शुरू हो गया.


आरा जेल में बंदियों को घटिया भोजन दिया जा रहा था. बंदियों की मांग थी कि जेल मैनुअल के अनुसार खाने की गुणवत्ता और सही मात्रा की निगरानी के लिए निगरानी सामिति की पुनर्बहाली किया जाए. कारा अस्पताल में 24 घंटे डॉक्टर उपलब्ध रहे, अस्पताल में खून, पेशाब और पैखाना जांच की व्यवस्था की जाए, एक्सरे, अल्ट्रासाउंड और ब्लड बैंक का इंतजाम किया जाए. इसके अलावा जेल में बंदियों को मिलने वाला चना, सत्तू और ब्रेड भी बंद है, इसीलिए तत्काल इनका वितरण किया जाए. जेल के अंदर नये सेक्टर में 250 बंदियों पर एक हैंडपंप है, जिसके चलते बंदियों का आपस में झगड़ा हो जाता है. तत्काल जरूरत के अनुसार चापाकल लगाया जाए और पीने के लिए साफ पानी (आरओद्ध की व्यवस्था की जाए. जेल सुपरिटेन्डेंट ने वादा किया है कि उपरोक्त तमाम मांगों को आज से ही लागू किया जायेगा. आरा जेेल के बंदियों का यह संघर्ष, सरकार द्वारा बंदियों के साथ बरते जा रहे भेदभाव के खिलाफ जायज और लोकतांत्रिक आंदोलन की जीत है. हम बंदियों को एकजुटता व जीत के लिए बधाई देते हैं.